ओडिशा की आत्मा - पखाल का उत्सव: माटी के कुल्हड़ों में परोसी गई यह थाली
ओडिशा की समृद्ध रसोई परंपरा का शानदार प्रस्तुति: दुनिया की सबसे बड़ी 'पखाल थाली'
ओडिशा की आत्मा - पखाल का उत्सव: माटी के कुल्हड़ों में परोसी गई यह थाली
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पखाल या पखाली एक पारंपरिक ओडिशी व्यंजन है, जो चावल के पानी से बनाया जाता है। यह एक प्रकार का फर्मेंटेड चावल का पेय है, जो ओडिशा की संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
पखाल बनाने के लिए, चावल को पानी में भिगोया जाता है और फिर उसे एक दिन के लिए रख दिया जाता है। इसके बाद, चावल के पानी को एक बड़े बर्तन में डाला जाता है और उसमें नमक, हल्दी, और अन्य मसाले मिलाए जाते हैं।
पखाल को आमतौर पर गर्मियों के मौसम में परोसा जाता है, जब यह एक ताज़ा और ठंडक पहुँचाने वाला पेय होता है। यह ओडिशा के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है और अक्सर त्योहारों और समारोहों में परोसा जाता है।
पखाल के कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं, जैसे कि यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है, शरीर को ठंडक पहुँचाता है, और विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है।


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